कौन कहता है मदर टेरेसा चमत्कारी हैं?
कौन कहता है मदर टेरेसा चमत्कारी हैं?
संतोष शर्मा
मदर टेरेसा स्वयं किसी भी चमत्कार में विश्वास नहीं करती थीं। वो झाड़-फूंक, तंत्रमंत्र आदि में विश्वास नहीं मानती थी। टेरेसा जब भी बीमार पड़ती थी तो वे इलाज के लिए अस्पताल जाती थीं। किन्तु बड़ी दुःख की बात है कि मदर टेरेसा को मिथ्या चमत्कारी सबूत के आधार पर रोमन कैथोलिक चर्च के संत की उपाधि दिये जाने की घोषणा की है। इसका हम युक्तिवादी, तर्कवादी संत विरोध करते हैं।
यदि उन्हें संत की उपाधि ही देनी है तो मदर के मानवसेवा के नाम पर दी जाए। मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रवक्ता सुनीता कुमार और वेटिकन सिटी को चुनौती देते हुए श्री प्रबीर घोष ने कहा कि एक हादसे में उनके बांए कंधे की हड्डी पांच टुकड़े हो गई है। यह एक साल पहले का हादसा है। उन्होंने कहा कि यदि मदर टेरेसा के चमत्कार से उसके कंधे को स्वस्थ कर दिया जाय तो मैं यह स्वीकार कर लूंगा कि मदर को चमत्कारी शक्ति है। क्या पोप श्री घोष की चुनौती का सामना करेंगे?
श्री घोष ने कहा कि इस तरह के दावे हर धर्म में चमत्कारिक संप्रदाय स्थापित करने के लिए किए जाते हैं। जैसे आजकल मदर टेरेसा के नाम पर ईसाई धर्म कर रहा है। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा को गरीबों, रोगियों और अनाथों की सेवा के लिए संत की उपाधि दी जा सकती है। किन्तु यदि मिथ्या दावों और चमत्कारों को आधार पर मदर को संत की उपाधि दी जाती है तो वह उनकी परंपरा के साथ नाइंसाफ़ी होगी। यदि इस तरह के चमत्कारों की कहानियां फैलाई गईं तो गांव-जवार में रहने वाले कम पढ़े लिखे लोग बीमारियों का अस्पताल में इलाज करवाने की बजाए चमत्कारियों को ही सहारा लेेंगे। केवल अंधविश्वास ही फैलेगा।
संतोष शर्मा
संयुक्त सचिव
भारतीय विज्ञान व युक्तिवादी समिति
कोलकाता
मोबाइल नंबर 9330451977
मदर टेरेसा स्वयं किसी भी चमत्कार में विश्वास नहीं करती थीं। वो झाड़-फूंक, तंत्रमंत्र आदि में विश्वास नहीं मानती थी। टेरेसा जब भी बीमार पड़ती थी तो वे इलाज के लिए अस्पताल जाती थीं। किन्तु बड़ी दुःख की बात है कि मदर टेरेसा को मिथ्या चमत्कारी सबूत के आधार पर रोमन कैथोलिक चर्च के संत की उपाधि दिये जाने की घोषणा की है। इसका हम युक्तिवादी, तर्कवादी संत विरोध करते हैं।
यदि उन्हें संत की उपाधि ही देनी है तो मदर के मानवसेवा के नाम पर दी जाए। मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रवक्ता सुनीता कुमार और वेटिकन सिटी को चुनौती देते हुए श्री प्रबीर घोष ने कहा कि एक हादसे में उनके बांए कंधे की हड्डी पांच टुकड़े हो गई है। यह एक साल पहले का हादसा है। उन्होंने कहा कि यदि मदर टेरेसा के चमत्कार से उसके कंधे को स्वस्थ कर दिया जाय तो मैं यह स्वीकार कर लूंगा कि मदर को चमत्कारी शक्ति है। क्या पोप श्री घोष की चुनौती का सामना करेंगे?
श्री घोष ने कहा कि इस तरह के दावे हर धर्म में चमत्कारिक संप्रदाय स्थापित करने के लिए किए जाते हैं। जैसे आजकल मदर टेरेसा के नाम पर ईसाई धर्म कर रहा है। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा को गरीबों, रोगियों और अनाथों की सेवा के लिए संत की उपाधि दी जा सकती है। किन्तु यदि मिथ्या दावों और चमत्कारों को आधार पर मदर को संत की उपाधि दी जाती है तो वह उनकी परंपरा के साथ नाइंसाफ़ी होगी। यदि इस तरह के चमत्कारों की कहानियां फैलाई गईं तो गांव-जवार में रहने वाले कम पढ़े लिखे लोग बीमारियों का अस्पताल में इलाज करवाने की बजाए चमत्कारियों को ही सहारा लेेंगे। केवल अंधविश्वास ही फैलेगा।
संतोष शर्मा
संयुक्त सचिव
भारतीय विज्ञान व युक्तिवादी समिति
कोलकाता
मोबाइल नंबर 9330451977
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