सरकारी स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन के आयोजन पर रोक लगाने की मांग

कोलकाता, 17 जनवरीः संविधान की मर्यादा का सम्मान करते हुए सरकारी अथवा सरकार से आर्थिक मदद हासिल करने वाले स्कूलों में सरस्वती पूजा  और नवमी उत्सव उद्यापन के आयोजन पर रोक लगाने की मांग उठी है। 
भारतीय विज्ञान और युक्तिवादी समिति ने सरकारी स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन के आयोजन को संविधान की मर्यादा के खिलाफ बताते हुए कहा है कि भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। इस वजह से सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त किसी भी स्कूल में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव  उद्यापन का आयोजन असंवैधानिक है। 
सिर्फ  इतना ही नहीं, युक्तिवादी समिति की इस अपील में यह भी कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में मध्य शिक्षा पर्षद या उच्च शिक्षा संसद की निर्देशिका में भी स्कूलों में जिन आयोजनों का जिक्र किया गया है, उसमें सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का उल्लेख नहीं है। 
इसलिए युक्तिवादी समिति की तरङ्ग से प्रशासन से अपील की गई है कि सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का आयोजन रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं तथा संविधान के मौलिक अधिकार ( धारा 51-ए ) के तहत वैज्ञानिक सोच को दावा  दी जाए। 
युक्तिवादी समिति के अध्यक्ष प्रबीर घोष ने कहा कि देश के संविधान के तहत सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त किसी भी स्कूल में भी कोई भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकता है। ऐसे स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का आयोजन भी नहीं किया जा सकता है।  इसीलिए संविधान की मर्याया का सम्मान करने के लिए युक्तिवादी समिति की ओर से यह अपील की गई है। उन्हेंने दावा किया कि हमारी अपील पर कोलकाता के कई स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का आयोजन बंद कर दिया गया है।




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